काव्य रंगोली

"काव्य रंगोली परिवार से देश-विदेश के कलमकार जुड़े हुए हैं जो अपनी स्वयं की लिखी हुई रचनाओं में कविता/कहानी/दोहा/छन्द आदि को व्हाट्स ऐप और अन्य सोशल साइट्स के माध्यम से प्रकाशन हेतु प्रेषित करते हैं। उन कलमकारों के द्वारा भेजी गयी रचनाएं काव्य रंगोली के पोर्टल/वेब पेज पर प्रकाशित की जाती हैं उससे सम्बन्धित किसी भी प्रकार का कोई विवाद होता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी उस कलमकार की होगी। जिससे काव्य रंगोली परिवार/एडमिन का किसी भी प्रकार से कोई लेना-देना नहीं है न कभी होगा।" सादर धन्यवाद।

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संजय जैन

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बेटियां   घर आने पर, दौड़कर पास आये। और सीने से लिपट जाएं, उसे कहते हैं बिटिया।।   थक जाने पर, स्नेह प्यार से। माथे को सहलाए, उसे कहते हैं बि...

लखीमपुर खीरी में पहला ऑनलाइन कवि सम्मेलन

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ऑनलाइन काव्य रंगोली हिंदी साहित्यिक पत्रिका के द्वारा दिनांक 6 अप्रैल 2020 को एक jका ट्रायल किया गया जिसमें लगभग 50 कवियों ने अपना नामांकन क...

अर्चना शुक्ला मुंबई

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आँखों में  कितने रंग छुपा रखे हैं माँ  तुम्हारी आँखों में | गज़ब का भोलापन और चंचलता है तुम्हारी आँखों में || सूरज जैसा तेज ,चाँद सी शीतलता त...

काव्य रंगोली आज के सम्मानित रचनाकार डॉ.सुमन शर्मा भावनगर

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——डॉ.सुमन शर्मा शिक्षा—एम.ए.पीएच.डी(यशपाल साहित्य में नारी चित्रण) विषय—हिन्दी  प्रकाशन—१.सैलाब(कविता संग्रह)               २. मन की पाती (क...

डॉ. रामबली मिश्र

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लगे प्यार का प्यारा नारा   हो गिरफ्त में यह जग सारा। लगे प्यार का नारा प्यारा।।   प्यार छोड़ कुछ बात न करना। प्यार-सिंधु में बहते रहना।।   लह...

एस के कपूर श्री हंस

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अमृत और जहर एक ही जुबान पर निवास करते हैं। इसीसे लोग आपके व्यक्तित्व का सही हिसाब करते हैं।। कभी नीम तो कभी शहद हो जाती ये जिव्हा हमारी। जान...

एस के कपूर श्री हंस

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चार बजे गये पार्टी की सौगात,  अभी बाकी है। गुमनामी केअंधेरों की रात अभी,  बाकी है।। दल दल है, धुंआ है, धुंध है,   है छाया गुबार।            ...

सुनील कुमार गुप्ता

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आस पतझड़ के मौसम में भी फिर, साथी तुम होना न तुम उदास। फूटेगी नव-कोपल फिर से, रखना मन में ये आस।। फूल खिलेगे उपवन में फिर, यहाँ महकेगी हर एक ...

राजेंद्र रायपुरी

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सोच-समझकर वोट दें    शंखनाद है हो गया,                       सेनाऍ॑ तैयार। लेकिन लड़ना है उन्हें,                     घर से अबकी बार।   पाॅ॑...

कालिका प्रसाद सेमवाल

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हे !माँ वीणा वादिनी ****************** हे!माँ वीणा वादिनी मुझे ज्ञान का भण्डार दे, जीवन में प्रकाश कर दे कष्ट मेरे माँ हरण कर दे।   हे!माँ व...

डॉ0 हरि नाथ मिश्र

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  तृतीय चरण (श्रीरामचरितबखान)-20   पंख काटि कछु देर न लागा। सिय सँग रथ चढ़ि रावन भागा।।      बिलखत-रोवत सीता नभ तें।      पुनि-पुनि सुमिरि रा...

नूतन लाल साहू

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ममा भांचा सुन ले सगा,ये गोठ ला कुटुंब गंगा में,आज नहाके दरसन परसन कर ले आशीर्वाद,तोला मिलही अपन भांचा के छत्तीसगढ़ मा अडबड़ नाता हे पर पवित्...

डॉ0 निर्मला शर्मा

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संस्कृति विश्व की हर संस्कृति से मेरी संस्कृति निराली है अध्यात्म योग का समन्वय ये दर्शन और ज्ञान का क्षेत्र प्रबल कल कल करती नदियाँ बहती झर...

डॉ. राम कुमार झा निकुंज

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जीवन्त हृदय अरुणिम प्रभात, नवजीवन की प्रिय आभा हो। बन इन्द्रधनुष नीलाभ हृदय, सतरंग ललित मधु छाया हो।   शृङ्गार शतक सज पाटल तन, अभिराम मुदित ...

सुनीता असीम

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के द्वार बन्द पड़े हैं सभी मकानों के। समेटके बैठे हैं पंख सब उड़ानों के। **** न रास्ते में नज़र आए इक बशर कोई । लगे हुए हैं यहां ताले सब दुक...

कालिका प्रसाद सेमवाल

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मां तुम जीवन का आधार हो ******************** माँ परिवार की आत्मा होती है, माँ आदिशक्ति माया होती है, माँ घर की आरती होती है, माँ जीवन की आस ...

संजय जैन

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रिश्तो को बनाये रखे   रिश्तो का बंधन  कही छूट न जाये। और डोर रिश्तों की कही टूट न जाये। रिश्ते होते है बहुत जीवन में अनमोल। इसलिए रिश्तो को ...

डॉ. रामबली मिश्र

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रामरसायन पान कर, यह अमृत अनुपान। इसके पीने से मनुज, बनता दिव्य महान।।   जिसने इसको पी लिया, बना सहज चैतन्य। लगा घूमने व्योम में, बनकर सिद्ध ...

श्री मती व्यंजना आनन्द की गीता का लोकार्पण

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बिहार की बेटी ने दिया जनमानस को प्रेरणा स्रोत- गीता गत दिनाँक 23-09-2020 को सनातन धर्म के पवित्र ग्रंथ काव्य गीता के हिन्दी अनुवाद का सफलताप...

सुनील दत्त मिश्रा

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छम गिरती बारिश की बूंदों का दिल से नाता है और यह रिश्ता हमको भी बहुत निभाना आता है फिसल न जाए पांव कहीं नीचे काई सी लगती है लिखते जाओ लिखते ...

डॉ0 हरि नाथ मिश्र

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रक्तबीज कोरोना है बढ़ रहा कोरोना रक्तबीज की तरह, सबको डरा रहा है, बुरी चीज़ की तरह। डरना नहीं है इससे मगर,सुन लो दोस्तों- संयम-नियम को धारो, त...

नूतन लाल साहू

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वर्षा ऋतु प्यारी   न तो छियालिस डिग्री गर्मी न तो कपकपाती ठंड वर्षा ऋतु, सबसे प्यारा लगता है काला बादल,छलके सागर झमाझम बरसता है,पानी झुम झुम...

सुनील कुमार गुप्ता

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क्यों-न ढूंढे सुख अपना?   देखा था एक सुंदर सपना, सच होता न होता अपना। चाहत के रंगो संग फिर, कब-होता वो साथी अपना? सपनो की शहजादी बन कर, जो छ...

कालिका प्रसाद सेमवाल

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मां शारदे ******************** हे मां शारदे रोशनी दे ज्ञान की, तू तो ज्ञान का भंडार है हाथों में वीणा पुस्तक ,  हंस वाहनी ,कमल धारणी ओ ममताम...

डॉ0 हरि नाथ मिश्र

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तृतीय चरण (श्रीरामचरितबखान)-19   होंहिं बिकल सुनि सीता-बानी। जड़-चेतन सभ जग कै प्रानी।।     सुनि सीता कै आरत बचना।     गीधराज कै रह अस कहना।।...
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