काव्य रंगोली

"काव्य रंगोली परिवार से देश-विदेश के कलमकार जुड़े हुए हैं जो अपनी स्वयं की लिखी हुई रचनाओं में कविता/कहानी/दोहा/छन्द आदि को व्हाट्स ऐप और अन्य सोशल साइट्स के माध्यम से प्रकाशन हेतु प्रेषित करते हैं। उन कलमकारों के द्वारा भेजी गयी रचनाएं काव्य रंगोली के पोर्टल/वेब पेज पर प्रकाशित की जाती हैं उससे सम्बन्धित किसी भी प्रकार का कोई विवाद होता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी उस कलमकार की होगी। जिससे काव्य रंगोली परिवार/एडमिन का किसी भी प्रकार से कोई लेना-देना नहीं है न कभी होगा।" सादर धन्यवाद।

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डॉ.राजश्री तिरवीर बनीं साहित्य साधक (अखिल भारतीय साहित्यिक मंच) के कर्नाटक राज्य प्रभारी

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आज साहित्य साधक (अखिल भारतीय साहित्यिक मंच) के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री कृष्ण कुमार क्रांति जी द्वारा डॉ. राजश्री तिरवीर जी   बेलगांव, कर्नाटक...

काव्य रंगोली आज का सम्मानित कलमकार अंजना चोटाई मुम्बई

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 नाम:अंजना चोटाई प्लेस: अलीबाग एज्युकेशन: बी.कोम 9595750785 ❄️चांद❄️       🌙                        मेरी छत पर आज, चांद नजर आया । खुला आसमा...

काव्य रंगोली आज का सम्मानित कलमकार ,प्रकाश दान बिजेरी

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 कवि परिचय  कवि का नाम - चारण प्रकाश दैथा  पिताजी - मुरार दान   गांव - बिजेरी  जिला - बीकानेर  राज्य - राजस्थान  रूचि - अनुभवों को कविताओं म...

2021 के "इंडियास वर्ल्ड रिकॉर्ड में"दर्ज डॉ मीना गोदरे

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 न्यूज़ इंदौर की साहित्यकार समाज सेवी मीना गोदरे, अवनि क 2021 के "इंडियास वर्ल्ड रिकॉर्ड में"दर्ज किया गया।          यह संस्था देश...

विनय साग़र जायसवाल

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 ग़ज़ल- जब कभी ज़ीस्त पर कोई बार आ गया नाम लेते ही उनका क़रार आ गया    आप खोये हुए हैं कहाँ देखिये आप के दर पे इक बेक़रार आ गया  बहरे-ताज़ीम पैमान...

एस के कपूर श्री हंस

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 [22/03, 9:17 am] +91 98970 71046: *।।ग़ज़ल।।   ।। संख्या 37।।* *।।काफ़िया।। अता ।।* *।।रदीफ़।। नहीं है ।।* *बहर-1222-1222-122* 1 हमारा मन  वहाँ...

डॉ0 हरि नाथ मिश्र

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 *कुण्डलिया* देना कभी न चाहिए,दुष्ट जनों का साथ, दूषित करते बुद्धि ये,अपयश आता हाथ। अपयश आता हाथ,हँसाई होती जग में, थू-थू करते लोग,नहीं कुछ ...

वंदना शर्मा बिंदु देवास मध्य प्रदेश

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 नाम      वंदना शर्मा   ।। विंदू।। पति का नाम     रमेश चंद्र शर्मा पिता स्वर्गीय कवि श्री कैलाश नारायण जी रावत मां  श्रीमती सरोज देवी रावत ज...

विनय साग़र जायसवाल

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 ग़ज़ल - पहले दूजे का कुछ तो भला कीजिए फिर तवक्को किसी से रखा कीजिए हुस्ने मतला-- यह इनायत ही बस इक किया कीजिए हमसे जब भी मिलें  तो हँसा कीजिए...

निशा अतुल्य

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 कविता दिवस  मुक्त विधा 21.3.2021 कुछ जीवित रखने के लिए  उनका परिष्कृत होना जरूरी है । जब से ये विचार मन में आया मैं स्वयं को रचनाकार समझ बै...

डॉ बीके शर्मा

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 "चल साकी" """"""""""""""""" पग-पायल झनकार लि...

डॉ0 हरि नाथ मिश्र

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 *कविता-दिवस*(21मार्च)        कविता कविता नहीं मात्र कल्पना, भाव गहन गहराई है। भाव-सिंधु में  कवि-मन डूबे- यह मोती उतिराई है।। जीवन का हर रं...

डॉ.राम कुमार झा निकुंज

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 दिनांकः २१.०३.२०२१ दिवसः रविवार विधाः  स्वच्छन्द (दोहा) विषयः स्वच्छन्द शीर्षकः रंगरसिया राधा रमण  वंदन पूजन हरि चरण , अर्पण        जगदानन्...

डॉ बी.के. शर्मा

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 विश्व जल दिवस  ============ 22 मार्च 2021 के उपलक्ष में जल ही जीवन है ============ "जल ही जीवन है" ऐसा कहते हैं लोग | फिर भी आंख ...

डॉ0 हरि नाथ मिश्र

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 *सप्तम चरण*(श्रीरामचरितबखान)-44 कहे तुरत सिवसंकर दानी। तुमहिं न जनम-मरन-दुख हानी।।      मानउ सत्य मोर अस बानी।      मिटै न तोर ग्यान खगप्रा...

चंचल हरेंद्र वशिष्ट,हिंदी प्राध्यापिका,थियेटर शिक्षक एवं कवयित्री

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 रचनाकार का नाम: श्रीमती चंचल हरेंद्र  वशिष्ट माता का नाम: श्रीमती माया देवी शर्मा पिता का नाम: श्री भूषण दत्त शर्मा 'कश्यप' पति का ...

सुरेश लाल श्रीवास्तव प्रधानाचार्य , अम्बेडकरनगर

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 सरस्वती-वन्दना हे हँसवाहिनी! मातु शारदा! तुम ज्ञानदा हो मुझे ज्ञान तू दो। तेरी हो जिस पर कृपा दृष्टि, उसका व्यक्तित्व विभूषित हो ।। हे हँसव...

एस के कपूर श्री हंस

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 ।।ग़ज़ल।।  ।।संख्या  32।।* *।।काफ़िया।। आह।।* *।।रदीफ़।।देखना चाहता हूँ।।* *बहर   122-122-122-122* *संशोधित।।।* 1 तिरी चाह को    देखना  चाहता ह...

क्या लिखूं

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 क्या लिखूं कलम हूॅं मुरीद तेरी तू जो कहे वही बात लिखूं भीगे हुए जज्बात या रुठे हुए हालात लिखूं बिकेंगे गीत किस तरह के वो अल्फाज लिखूं तू ही...

सम्राट सिंह

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 एक कविता ऐसा भी... व्यंग और पर्व का समावेश करने की कोशिश प्रबुद्ध लोगों से निवेदन की आकलन जरूर करें भलही के भाग भइल  एहि साल फाग में मेहरी ...

सुनीता असीम

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 आशिकी तुझसे करूं चाहे डगर में डर रखूं। पार उतरूँ भावनगरी प्रेम को नौकर रखूं। *** वो जहां का है अगर मालिक तो मैं भी दास हूं। भीलनी से बेर भी...

विनय साग़र जायसवाल

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 ग़ज़ल- 1. आपकी जबसे इनायत हो गयी है ज़िन्दगानी ख़ूबसूरत हो गयी है 2. तेरी आँखों में जो शोखी देखता हूँ मुझको उससे ही मुहब्बत हो गयी है 3. क्या क...

डॉ0 हरि नाथ मिश्र

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 *सप्तम चरण*(श्रीरामचरितबखान)-41 छोट बसन कलिजुग-तन-सोभा। लघु पट सजि न नारि-मन छोभा।।      नारी-पुरुष काम-रति भोगा।       पति-पत्नी बिरलै संज...

आज का सम्मानित कलमकार कविता मोदी भरुच.

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सुषमा दीक्षित शुक्ला

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 आठ मुक्तक पच्चीस मुहावरे रिश्वतखोरों की मत पूछों , ऐसी बाट लगाते हैं । मोटी मोटी रकमें लेकर , सिर अपना खुजलाते हैं । नौ सौ चूहे खाकर बिल्ली...
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