निशा अतुल्य
सपना
दिनाँक 21/ 1/ 2020
सपनों में रंग भरो
आगे बस आगे बढ़ो
काम कुछ ऐसा करो
नाम कर जाइये ।
चेहरा न याद रहे
याद व्यवहार करें
रहना सरल सदा
याद सदा आइये ।
मात पिता का वंदन
प्रभुवर का नमन
जिस घर होय सदा
उस घर जाइये।
संस्कार पोषित करो
निर्मल बच्चों को करो
बनेगा महान देश
ऐसे गुण गाइये।
स्वरचित
निशा"अतुल्य"
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