श्लेष चन्द्राकर  महासमुन्द (छत्तीसगढ़) बसंत पंचमी दोहे मातु शारदे आपको, नमन अनेकों बार।

श्लेष चन्द्राकर 
महासमुन्द (छत्तीसगढ़)


बसंत पंचमी दोहे


मातु शारदे आपको, नमन अनेकों बार।
सबको अनुपम ज्ञान का, देती हो उपहार।।


माता वीणा वादिनी, हरे सभी दुर्योग।
आने से ऋतुराज के, आनंदित हैं लोग।।


ज्ञान रश्मियों से मिटा, जढ़ता का अँधियार।
जीवन में माँ शारदे, लाती नई बहार।।


सब ऋतुओं से मानते, ऋतु बसंत को खास।
भरता इसका आगमन, हर मन में उल्लास।।


धरती ने धारण किया, वासंती परिधान।
अपलक जिसको देखना, चाहे सकल जहान।।


🌻 श्लेष चन्द्राकर 🌻
महासमुन्द (छत्तीसगढ़)


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