डॉ.प्रेमलता त्रिपाठी

महाशिवरात्रि- 2020
छंद - मत्तगयंद सवैया (वार्णिक छंद )


शैल सुता मनुहार करे प्रभु संत दिगंबर धूनि रमाये ।
शंभु शिवा द्वय एक हुए शुभ पर्व महा शिवरात्रि कहाये ।   
कंत महेश उमा अति पावन फागुन मास विशेष बनाये ।
धूम मची बम बं लहरी चहुँ आज सखी शिव व्याहन आये।


रूप अनूप त्रिनेत्र धरे भुज दण्ड कमंडल शूल उठाये ।     
भाल त्रिपुंड ललाट महा मृगछाल सजा तन भस्म लगाये।     
भूत पिशाच बरातिन सेवक से गण मीत समाज बनाये ।
गाल फुला सब शंख बजा चहुँ ओर दिगंतर धूम मचाये।     


नाम जटाधर गंग बहे शशि  शेखर से मन भृंग लुभाये ।
मातु सती वरमाल लिए पितु शंकर भाल सुहाग सजाये।
लाल महावर पाँव  रचा जब  नूपुर के धुन मंगल गाये ।
दक्ष सुता अभिसार करे शुभ संग सजे  त्रिपुरारि सुहाये ।
                                           डॉ.प्रेमलता त्रिपाठी


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