सुरेन्द्र मिश्र

महाशिवरात्रि के पावन दिवस पर भगवान शिव के चरणों में,भजन के रूप में श्रद्धा सुमन।
 प्रातकाल ईश्वर सुमिरन कर धरती मां को करो प्रणाम।
प्रारम्भ करो अपनी दिनचर्या लेकर पावन शिव का नाम।
          जय शिवशंकर जय शिवशंकर।
आशुतोष शिव मूर्ति बिठा ले प्राणी अपने मन के अंदर
          जय शिवशंकर जय शिवशंकर।
भोले शंकर हे चन्द्रभाल है नील कंठ में ब्याल माल।
हर हर शम्भू महादेव देव लोक मानस मराल
आक पुष्प अर्पित चरणों में हे परमेश्वर हे जगदीश्वर।
          जय शिवशंकर जय शिवशंकर
मल्लिकार्जुन हे वैद्यनाथ श्री सोमनाथ हे विश्वनाथ।
भीमशंकर जय रामेश्वर महाकालेश्वर केदारनाथ
ओंकारेश्वर त्रयम्बकेश्वर जय घृष्णेश्वर जय नागेश्वर।
        जय शिवशंकर जय शिवशंकर।
द्वादश ज्योतिर्लिंग तुम्हारे नष्ट करें पातक अघ सारे।
आशुतोष प्रभु औघड़ दानी तुम को सारे भक्त पुकारे।
जय बम-भोले जय त्रिपुरारी जय त्रिनयन सृष्टि प्रलयंकर
          जय शिवशंकर जय शिवशंकर।
नाम सदाशिव अतिशय पावन मुक्ति प्रदायक पाप नसावन।
हे गौरी पति हे त्रिशूल पति भोलेनाथ भक्त मनभावन।
सुर नर असुर यक्ष गंधर्वा विल्व पत्र पूजित गंगाधर।
         जय शिवशंकर जय शिवशंकर।
               सुरेन्द्र मिश्र


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

अखिल विश्व काव्यरंगोली परिवार में आप का स्वागत है सीधे जुड़ने हेतु सम्पर्क करें 9919256950, 9450433511