कुमार🙏🏼कारनिक  (छाल, रायगढ़, छग)


     🧕 *माँ*🧕
 (मनहरण घनाक्षरी)
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माँ तेरे आँसू की मोती,
मेरे नैनो  को  भिगोती,
करूँ  मैं  दीप  आरती,
      शरण में लीजिए।
🙏🏼🧕
तू भारी  बोझ उठाती,
फिर भी नहीं  थकती,
बच्चों  के साथ रहती,
    माँ दुलार दीजिए।
🧕🌸
माँ  मेरे  पास   रहना,
गरीबी भी  तू  सहना,
गलती  हो तो कहना,
 सेवा मौका दीजिए।
💐🧕
खुश   तेरी   बदोलत,
प्रभु  दे  दे   मोहलत,
रहे    सब   सलामत,
  आशिर्वाद दीजिए।


            🙏🏼
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