राजेंद्र रायपुरी।
मन की कामना
कामना मन है यही,
हर जीव का कल्यान हो।
कामना मन है यही,
हर श्रेष्ठ का सम्मान हो।
कामना मन है यही,
दुख का कहीं मत नाम हो।
हर तरफ सुख-चैन हो,
आराम ही आराम हो।
कामना मन है यही,
भूखा नहीं इंसान हो।
कामना मन है यही,
भरपूर हर खाद्दान हो।
कामना मन है यही,
हर नव-जवां खुशहाल हो।
वो चले सन्मार्ग पर,
बहकी न उसकी चाल हो।
कामना मन है यही,
श्रम का सदा सम्मान हो।
आलसी का मान या,
श्रम का नहीं अपमान हो।
।।राजेंद्र रायपुरी।।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
अखिल विश्व काव्यरंगोली परिवार में आप का स्वागत है सीधे जुड़ने हेतु सम्पर्क करें 9919256950, 9450433511