चंचल पाण्डेय "चरित्र"

*~~~~~सुप्रभातम्~~~~~*
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            *घनाक्षरी छंद*
नित   नित   राम   नाम   जपा  कर  आठो  याम|
लोभ   मोह   मद   काम  मन  से  विसारिये||
भक्ति   भाव   हिय  भर   दीन  हीन   सेवा  कर|
मानवीय   धर्म    जन   जन   में   पसारिये||
कर्म  को ही  पूजा  जान  कहते  सभी  सुजान|
पथ   प्रभु   राम   चल   जीवन  निखारिये||
देश   प्रेम    प्यार   रहे   ज्ञान   रस     धार  बहे|
देश   हित   धन   मन   तन   भी निसारिये||
               चंचल पाण्डेय "चरित्र"


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