भरत नायक "बाबूजी" लोहरसिंह, रायगढ़(छ.ग.)

*"माँ कुष्मांडा"*(कुणडलिया छंद)
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*पावन रूप चतुर्थ है, कुष्मांडा शुभ नाम।
आधि-व्याधि से मुक्ति दे, माता है सत्काम।।
माता है सत्काम, सदा कष्टों को हरती।
सहज सृजन ब्रह्मांड, मंद विहँसी में करती।।
कह नायक करजोरि, अष्ट भुजधारी भावन।
देती सुख-समृद्धि, नाम है माँ का पावन।।
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भरत नायक "बाबूजी"
लोहरसिंह, रायगढ़(छ.ग.)
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