एस के कपूर* *श्री हंस।।।।बरेली

*बस चार दिन ही रहना है।*
*।।।।।।।।।मुक्तक।।।।।।।।*


जीतलो  सब के दिलों  को
यही जीवन का कहना  है।


इक यही आपकी अनमोल
पूँजी   और     गहना   है।।


एक  ही मिला   जीवन जो
फिर   मिलेगा   ना  दुबारा।


इस  धरती  पर  गिन   कर 
बस  चार दिन     रहना है।।


*रचयिता।।।।।एस के कपूर*
*श्री हंस।।।।बरेली।।।।।।।।*
मोब।।  9897071046  ।।।
8218685464।।।।।।।।।।।।


कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

गीत- दिन से क्या घबराना दिन तो आते जाते हैं....... दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल

गीत- दिन से क्या घबराना दिन तो आते जाते हैं....... चुप्पी  के   दिन खुशियों के दिन भीगे सपनों की बूंदों के दिन, आते जाते हैं, दि...