*नारी( हाइकु)*
सृष्टि जननी
रचना जग की है
और संगिनीय
प्रभु मूरत
ईश्वर ने बनाई
स्त्री की सूरत
घर ये तेरा
स्त्री ही बनाती इसे
सुखी बसेरा
नारी का मान
परिवार सम्मान
घर की आन
जीवन साथी
माँ पत्नी बन कर
घर बसाती
पत्नी बहन
माँ भाभी नारी रूप
त्याग सहन
*रचयिता।एस के कपूर*
*श्री हंस।बरेली।*
मो 9897071046
8218685464
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