एस के कपूर* *श्री हंस।बरेली

*अधिकार और कर्त्तव्य(हाइकु)*


पहले काम
फिर मिले ईनाम
यही ईमान


अनुपालना
करे जो पाये वही
बने धारणा


दें तो जवाब
पाये तभी खिताब
ये हो हिसाब


एक ही नारा
अधिकार बाद में
कर्त्तव्य सारा


कर्त्तव्य बोध
प्रथम आत्म सात
ये अनुरोध


पाना चाहते
सीखे प्रथम हम
देना चाहते


कर्तव्य बिन
कुछ नहीं होता है
पूर्ण हो ऋण



*रचयिता।एस के कपूर*
*श्री हंस।बरेली।*
मो    9897071046
        8218685464


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