एस के कपूर* *श्री हंस।।।।।बरेली

*जिन्दगी अभी बाकी है।।।*
*।।।।।।।।मुक्तक।।।।।।।।।*


साठ  के  पार हो  गये  जरूर
पर मानो कि नौजवान हैं।


एक भरी पूरी बगिया के आप
मुखिया     बागवान हैं।।


दूसरी पारी  शुरू  हुई  आपकी
पहली  पारी   के   बाद।
  
जान लो पूरे करने को     अभी 
बहुत  सारे   अरमान  हैं।।


*रचयिता।।।एस के कपूर*
*श्री हंस।।।।।बरेली।।।।।*
मोब।।।।9897071046।।
8218685464।।।।।।।।।।


कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

गीत- दिन से क्या घबराना दिन तो आते जाते हैं....... दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल

गीत- दिन से क्या घबराना दिन तो आते जाते हैं....... चुप्पी  के   दिन खुशियों के दिन भीगे सपनों की बूंदों के दिन, आते जाते हैं, दि...