कोरोना को हराना है
24.3.2020
दिल में दबी एक आग है
क्यों सुनता नही इंसान है
खतरा मंडरा रहा है चारों ओर
फिर भी बना ख़ुद से अंजान है।
मान लो अब तो बात खैरख़्वाह की
ये दुश्मन तुम्हारा नही यार है।
गलतियाँ निकालने को पड़ी है उम्र सारी
मिला लो हाथ,हराना कोरोना को हर हाल है।
जीवन रहेगा सुरक्षित तो देखेगें दोस्ती दुश्मनी
मानो बात सरकार की ये तुम्हारे लिए ही खास है।
स्वरचित
निशा"अतुल्य"
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