प्रखर दीक्षित*           *फर्रुखाबाद

*जय राम रमापति*
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जय जय प्रतिपालक निशिचर घालक, दयानंद जय उर वासी।
जय अवध बिहारी भव भय हारी, प्रणति हरी जय अविनाशी।।
राजीव नयन जानकी कंत , शेषाशायी जय नारायण, 
जय जय वन माली जग खुशहाली, सरन प्रखर जय सुखराशी।।


जय रामलला जय करुनाकर, जय राम रमापति  रघुनंदन।
कर सायक  माल गरे सोहे, सिर मुकट भाल रक्तिम चंदन ।।
मुसकानि अधर बी मांग सिया, उपवास कांध पट पीत गरे, 
हे जगत्पति लक्ष्मीरमणा , अघ ताप हरौ  अंर्त क्रदन।।


         *प्रखर दीक्षित*
          *फर्रुखाबाद*


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