कविता:-
*" सुनीति"*
"राजनीति में साथी सुनीति वहीं,
जो दे जन जन को सुख-
स्वास्थ और रोज़गार सही।
विपक्ष हो या सत्ता पक्ष ,
जो सबको संग लेकर चले-
वही राजनीति में सुनीति सहीं।
शिक्षा का अधिकार मिले सबको,
साक्षर हो सभी-
अँगूठा टेक रहे न कहीं।
पर्यावरण हो मधुर अन्न जल हो भरपूर,
अहिंसा के पथ पर-
देश की प्रगति हो सही।
सार्थक हो संबंध पड़ौसी से,
हो न तनाव-
भाई-चारा हो वही।
राजनीति में साथी सुनीति वही,
जो दें जन जन को सुख-
स्वास्थ और रोज़गार सही।।"
ःःःःःःःःःःःःःःःःः सुनील कुमार गुप्ता
sunilgupta.abliq.in
ःःःःःःःःःःःःःःःःः कविता:-
*"सखियाँ"*
"जब-जब मिलती हैं जीवन में,
बिछड़ी हुई सखियाँ-
गले मिल रो लेती करती देर तक बतियाँ।
कभी हँसती कभी रोती,
सुन कर कही-अनकही-
जीवन की बतियाँ।
याद कर खुशी के पल साथी,
गुनगुनाने लगती गीत-
संग मिलकर सखियाँ।
सखी सखी संग चली जो,
भूली न वो कभी -
सुख देने वाली रतियाँ।
मिल कर बिछड़ने का दर्द,
कहती रही-
संग बैठ सखियाँ।।"
ःःःःःःःःःःःःःःःःःः सुनील कुमार गुप्ता 17-03-2020
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