सुनीता असीम

आना नहीं है मौत का आसान इस तरह।
ये मौत जिन्दगी की तरह नाम ही तो है।
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नाकाम कर दिया है करोना ने आपको।
बाहर करो या घर का हुआ काम ही तो है।
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कब चाहिए किसीको इजाजत भी प्यार की।
आँखों से जो पिया तो  पिया जाम् ही तो है।
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हो प्यार में सुना या सुना  नौकरी में हो।
सुनना ज़लील शब्द का इल्ज़ाम ही तो है।
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मेरे लिए हो प्यार कन्हैया तेरा सदा।
भक्ति तेरे  लिए मेरी बेदाम ही तो है।
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 सुनीता असीम
26/3/2020


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