-सुरेंद्र सैनी बवानीवा छावनी झज्जर, हरियाणा

हे प्रभू !आप दो..... 


हे प्रभू ! कोई प्यार का आलाप दो. 
कठिन दौर, भाई -भाई का मिलाप दो. 


मेरे मुल्क के लोग बहुत परेशां हैं, 
और मत उन्हें कोई संताप ^दो.  (दुख, क्लेश )


जो डस सके देश के दुश्मन को, 
पल रहे ऐसे आस्तीन के सांप दो. 


गलत करने से पहले सौ बार सोचूं, 
मेरे बदन में ऐसी कांप दो. 


रह -रह के मुठियाँ जोश से भर रही, 
है क्रोध बड़ा, मत इतना ताप दो. 


पीछे रह जाता हूँ ज़माने की भीड़ में, 
"उड़ता "मुझे रफ़्तार औकात सी आप दो. 


 


स्वरचित व मौलिक रचना. 


द्वारा -सुरेंद्र सैनी बवानीवाल 
713/16, छावनी झज्जर, 
नज़दीक सैनी धर्मशाला, 
पिन -124103.हरियाणा. 


संपर्क - 9466865227.


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