यशवंत"यश"सूर्यवंशी       भिलाई दुर्ग छग

यश के दोहे


 


विश्व युद्ध यश है लगे,कोरोना की घात।
जिसे लगे बचते नहीं, बता रही औकात।।


 


सारे आयुध तुच्छ है,कोरोना के पास।
थरथर काँपे देश यश,रखने अपनी साँस।।



सर्दी खाँसी से रहो,दो मीटर यश दूर।
नित-नित साबुन से करो,काया साफ जरूर।



🌷यशवंत"यश"सूर्यवंशी🌷
       भिलाई दुर्ग छग


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