राजेंद्र रायपुरी

🌞🌞  नील गगन   🌞🌞


अब तक,
कहाॅ॑ दिखता था नील गगन ?
ये तो है तालाबंदी का कमाल,
जिसने गगन का,
असली रूप दिखाया है।
सच कहूॅ॑ तो नील गगन,
अब सबने देखा पाया है।


अभी तक तो दिखता था,
केवल गर्द और गुब्बार।
काले धुएं का अम्बार।


न गगन का असली चेहरा,
न रवि, वो सुनहरा,
न चमकीला चाॅ॑द,
न तारों की माॅ॑द,
अभी तक देख पाया था,
संसार।


जो दिखता था,
वो असली नहीं,
केवल साया था।
चलो,
'कोरोना' के डर से ही सही,
प्रकृति का असली रूप,
हमारे सामने आया है।


आशंकित है मन,
फिर भी प्रकृति का देख,
ये नया रूप,
उसका,
रोम-रोम हर्षाया है।


।। राजेंद्र रायपुरी।।


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