सत्यप्रकाश पाण्डेय

मद में न भूल..........


खुद को खुदा समझ  इंसान
मदहोश हुआ भूला भगवान


गिरी सरिता अरु सागर सारे
ध्वज फहरा कर हुए मतबारे


जब बरसा कुदरत का कहर
निकल गया मानव का जहर


हुआ ईश्वरीय सत्ता का भान
परमब्रह्म की शक्ति का ज्ञान


ईश प्रकृति से बड़ा न कोई
ईश्वर जो चाहेगा होगा सोई


किस घमंड से बौराया है नर
क्यों अहम कंकर पत्थर पर


अब समझ तू ईश का संकेत
नींद छोड़ तू हो जा सावचेत


सत्य आग्रह कर रहा मानव
मद में न भूल प्रकृति व रब।


श्रीकृष्णाय नमो नमः🌹🌹🌹🌹🌹🙏🙏🙏🙏🙏


सत्यप्रकाश पाण्डेय


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