सत्यप्रकाश पाण्डेय

सब सों आश छोड़ दई मैंने
अब तोहि ते आश लगाय बैठों हूँ
नाय भरोसों और काहू कों
बस तेरौ  विश्वास किये बैठों हूँ


लालच के बस हुए सब प्राणी
कोऊ काहू की तनिक शरम गहें न
अपनों पेट भरें अब कैसेहूं
"सत्य"और काहू कि परवाह करें न


सद्बुद्धि देहों जन कूं माधव
स्वामी सबमें तेरी ज्योति बसी है
तेरी सूरत कौ ध्यान रहें कि
यहां तोसों सबकी डोर बंधी है।


गोपालाय नमो नमः🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹


सत्यप्रकाश पाण्डेय


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