अवनीश त्रिवेदी

भारती की आरती में, शीश को चढ़ाएं नित,


                     देश की अखंडता को, मिल के बचायेंगे।


लाखों कुर्बानी देकर, पायी ये स्वतंत्रता है,


                  क्रांतिकारियों की गाथा, कभी न भुलायेंगे।


राजगुरु, सुखदेव, अशफ़ाक, बिस्मिल औ,


                     भगत की परिपाटी, आगे ही बढ़ायेंगे।


चमक कभी देश की, खोने नही देंगे कभी,


                   देके आहुति प्राणों की, राष्ट्र को सजायेंगे।


 


अवनीश त्रिवेदी "अभय"


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