रश्मि लता मिश्रा

वीना तेरी जो बज जाए माँ।


सुर मेरे सब सज जाएं माँ ।


तेरी स्तुति करती रहूँ।


 तूलिका भावों से भर जाए माँ


 


 मेरे शब्द दे सकें,


अक्षरों को शान भी। 


रच सकूं मैं ऐसे छंद 


झूम उठे जहान भी।


 रचना से जीवन सँवर जाए माँ तूलिका भावों से भर जाए मां 


वीणा तेरी,,


 


 कलम को वह शक्ति दे,


 बदल सके इतिहास जो।


 प्रेम पथ पर चल सकें,


सदाचरण की बात हो।


 इंसानियत फिर नजर आए मां।


तूलिका भावों से भर जाए मां।


वीणा तेरी जो बज जाए माँ


  सुर मेरे सब सजा जाएं माँ।


रश्मि लता मिश्रा


बिलासपुर सी,जी।


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

अखिल विश्व काव्यरंगोली परिवार में आप का स्वागत है सीधे जुड़ने हेतु सम्पर्क करें 9919256950, 9450433511