जीवन पै रहे तेरा प्रभाव..
बिन तेरे कहां चैन जगत में
हे नटवर नन्दकिशोर
तेरे बिना है चहुँओर अंधेरा
तुम हो तो स्वामी भोर
अज्ञान ग्रसित होकर मानव
भटक रहा है दलदल में
ज्ञान ज्योति का आलोक मिले
निर्बल सबल बने पल में
मेरे मोहन बन जाओ आलम्बन
हीन भाव से मुक्त करो
जीव मात्र को समझूँ में अपना
उदार भाव से हिय भरो
जगतनियन्ता आधार जगत के
रखो सत्य पर दया भाव
सोते जगते बस स्मरण तुम्हारा
जीवन पै रहे तेरा प्रभाव।
श्री कृष्णाय नमो नमः
सत्यप्रकाश पाण्डेय
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
अखिल विश्व काव्यरंगोली परिवार में आप का स्वागत है सीधे जुड़ने हेतु सम्पर्क करें 9919256950, 9450433511