सत्यप्रकाश पाण्डेय

प्रणय प्रलाप निराले....


 


तुम प्राण शक्ति हो मेरी, तुमसे ही प्राणों का संचार।


हे प्राण प्रिया तुमसे ही, है यह जीवन और संसार।।


 


प्राणों में प्राण बसे मेरे, प्राणों से ही प्राणों की रक्षा।


मेरे प्राणों की प्राण ज्योति,प्राण प्राण की लें परीक्षा।।


 


प्राण प्रणेता प्यार प्रतिष्ठा, प्राणों से प्राणों का पण पाले।


पल पल प्रेम प्रज्ज्वलित, प्रियतमा प्रणय प्रलाप निराले।।


 


प्रीति वारि की पर्जन्य प्रिया,प्रेम अंकुर का तुम परिमान।


समझ प्यार को पारितोष, हे प्रभंजना तुम जीवन आधान।।


 


सत्यप्रकाश पाण्डेय


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