श्री कृष्ण जन्माष्टमी राधा कृष्ण प्रेम मुक्तक

अगर तुम राधिका मेरी, कन्हैया मै तुम्हारा हूँ।


अगर तुम बांसुरी मैं श्याम अधरों का किनारा हूँ।


दही मक्खन चुराने वाला ग्वाला प्रीति का प्यासा,,


अगर तुम धार नदिया की तो मैं सागर तुम्हारा हूँ।।


          


प्रीति करो तो मीरा जैसी,छोड़ो सब संसार को।


एक तार दिल का जोड़ो उस जग के पालन हार से।


जहर बनेगा अमृत जैसे पिया हलाहल मीरा ने,


छोड़ वासना सच्चा निश्छल करके देखो प्यार को।


आशुकवि नीरज अवस्थी मो 9919256950


 


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