सुषम दीक्षित शुक्ल

ऐ! भावी भारत के नव कर्णधार ।


 


ऐ! युवा शक्ति नव सृजनकार ।


 


तेरे कंधों पर है देखो ऋण अपार। 


 


 है तुमसे ही आशा अब लगातार।


 


 तुम ही हो राष्ट्र धर्म के सूत्रधार।


 


इतिहास रचो ऐ! सृजनकार ।


 


 है भारत माँ की यह पुकार ।


 


 तुमको पालन करने सारे संस्कार 


 


 मां बहनों के रक्षक तुम होनहार।


 


 पूर्ण करोअपनो के सपने हजार।


 


चुकता कर दो माँ का दुलार ।


 


गाथाएँ लिख दें कलमकार ।


 


ऐ! भावी भारत के नव कर्णधार।


 


ऐ ! युवा शक्ति नव सृजनकार ।


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