विजय कुमार सक्सेना विजय

खूब मनाओ जश्न आज तुम, 


आजादी का दिन आया।


गाँव नगर हर गली गली में, 


आज तिरंगा फहराया।।


 


भूल न जाना कभी गुलामी, 


की उन काली रातों को।


कुचल दिया जुल्मी शासन ने,


वीरों के जज्बातों को।


जोरावर और फतेह सिंह को,


दीवारों में चुनवाया।


गाँव नगर हर गली गली-----


 


याद करो तुम मंगल पांडे,


याद करो रानी झांसी।


याद करो उन वीरों की जो,


हँस कर के झूले फांसी।


धन्य भूमि वो जहाँ पे ऐसे,


वीरों ने जीवन पाया।


गाँव नगर हर गली गली-----


 


राजगुरु,सुखदेव,भगतसिंह,


अरु सुभाष से बलिदानी।


मातृभूमि के लिये जिन्होंने,


दे दी अपनी कुर्बानी।


धन्य हो गयी धरा हिन्द की,


जब यह परचम फहराया।


गाँव नगर हर गली गली-----


 


विजय कुमार सक्सेना "विजय"


कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

गीत- दिन से क्या घबराना दिन तो आते जाते हैं....... दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल

गीत- दिन से क्या घबराना दिन तो आते जाते हैं....... चुप्पी  के   दिन खुशियों के दिन भीगे सपनों की बूंदों के दिन, आते जाते हैं, दि...