राजेंद्र रायपुरी

 नेता हो तो ऐसा 


 


हास्य रस पर एक रचना--


 


नेताजी ने जब किया,भरी सभा ऐलान।


 


देगा मुझको वोट जो, देंगे उसे मकान।


 


देंगे उसे मकान, कहा सच मानो भाई।


 


दे आए हम वोट, उन्हें ही संग लुगाई।


 


हुई उन्हीं की जीत,कहें अब पैसे लाओ।


 


दूॅ॑गा मुफ़्त मकान,कहा ये कहाॅ॑ बताओ।


 


              ।। राजेंद्र रायपुरी।।


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