सुनीता असीम

बस ख़ुदा से सलाह करता हूँ।


दीन दुखियों की राह करता हूँ।


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काम मेरे सभी करेंगे वो।


मैं न कुछ इश्तिबाह करता हूँ।


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रूठ जायें न मेरे भगवन।


यूँ न कोई गुनाह करता हूँ।


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मुश्किलों में घिरा रहूं जब मैं।


तब उसीकी पनाह करता हूँ।


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जो बड़े भक्त हैं कन्हैया के।


अब उन्हींसे डाह करता हूं।


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सुनीता असीम


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