कविता
भारत माँ के सच्चे सपूत अब्दुल पाकिर कलाम।
उनको मेरा शत शत प्रणाम शत शत सलाम ।
वह थे पक्के कर्तव्य निष्ठ वह भारत माँ के अमर रत्न ।
अति ज्ञानी थे विज्ञानी थे बस सदा देश हित किये यत्न ।
वह मात पिता थे धन्य धन्य जिनके आँगन में जन्म लिया।
महा गरीबी में पलकर भी दुनिया मे था नाम किया ।
सबसे ऊँचा राष्ट्रपति पद जिसका मान बढ़ाया था ।
वैज्ञानिक कलाम जी ने जब इस पग कदम उठाया था ।
उनके आदर्शों को यारों आओ हम सब मनन करें ।
आज सभी मिल भारत वासी उस सपूत को नमन करें ।
सुषमा दीक्षित शुक्ला लखनऊ
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