प्रसन्नता
प्रसन्नता वह औषधि है
जो हर मर्ज को ठीक कर सकती हैं
सबसे अधिक खास बात यह है कि
वो मिलती भी अपने अंदर है
इस जीवन के सस्पेंस को
कोई समझ नहीं पा रहा है
पता नही कब किस समय
क्या घटना हो जायेगा
मन का सोचा अगर ना हुआ
तो काहे को रोता है
मनुष्य के हाथ में कुछ भी नहीं है
प्रभु जी जो चाहता है वहीं होता है
प्रसन्नता वह औषधि है
जो हर मर्ज को ठीक कर सकती हैं
आत्म हत्या कर रहे हैं निश दिन
किसी भी उम्र में मानव
फिर किस मुंह से हम कह रहे हैं
सब प्राणियों में श्रेष्ठ है मानव
खो गया कुछ तेरा धन तो
तू हो गया बहुत उदास
जब आया संसार में
क्या था तेरे पास
जब खुद कुदरत गिर पड़ी
बन कर हम पर गाज
तब प्रसन्नता है औषधि
बस तू हिम्मत न हार
प्रसन्नता वह औषधि है
जो हर मर्ज को ठीक कर सकती हैं
सबसे अधिक खास बात यह है कि
वो मिलती भी अपने ही अंदर है
नूतन लाल साहू
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