नूतन लाल साहू

मुस्कुराहट


 


जिंदगी में समस्या तो


हर दिन नई खड़ी हो जाती है


जीत जाते हैं वे लोग जिनकी


सोच कुछ बड़ी होती हैं


आओ आज मुश्किलों को


हम हराते है


चलो आज दिन भर मुस्कुराते हैं


प्रभु जी रक्खे जिस हाल में


उसे ही अपनी मुकद्दर मान


क्यों लेते हो प्रभु जी से


जानबूझकर तू पंगा


कर्म करो आत्मविश्वास से


फल की आशा से नहीं


कर्म का फल अवश्य ही मिलेगा


तू क्यों घबराता है


आओ आज मुश्किलों को


हम हराते है


चलो आज दिन भर मुस्कुराते हैं


जाको राखे साइयां


मार सके न कोय


बाल न बांका कर सके


जो जग बैरी होय


सरस्वती मां को करे


बारम्बार प्रणाम


कट जाये,तन मन की


युग युग का अंधियार


हर इच्छा इंसान की


पूरी कभी नहीं होता है


जिंदगी में समस्या तो


हर दिन नई खड़ी हो जाती हैं


जीत जाते हैं वे लोग जिनकी


सोच कुछ बड़ी होती हैं


आओ आज मुश्किलों को


हम हराते है


चलो आज दिन भर मुस्कुराते हैं


नूतन लाल साहू


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