एस के कपूर श्री हंस

 *।।रचना शीर्षक।।*

*।।जीवन पथ पर मशाल बनो*

*मिसाल बनो।।*


नित नए नए  आयाम जीवन

में     आप  गढ़ते रहें।

कोशिश हो कि सफलता की

सीढ़ी आप चढ़ते रहें।।

एक रोशन   मशाल  बन कर

चमकें             आप।

प्रति दिन इस   अनूठी   यात्रा

पर आप    बढ़ते  रहें।।


हिम्मत और सब्र हो तो     हार

कर भी  संवर सकते   हैं।

बना कर रखें   यकीन  तो  बुरे

वक़्त भी गुज़र सकते हैं।।

बस दिल में आशा का उजाला

बनायें      रखें      आप।

हर पत्थर राह के खुद टूट  कर

बिखर     सकते      हैं।।


वही जीते हैं      जो खोकर भी

मुस्कराते         हैं।

जोश और होश को  सदा  सीने

में    बसाते      हैं।।

व्यवस्था   और    अनुशासन में

रखते   पूरा   विश्वास।

वो हर समस्या   का    समाधान

खोज       लाते       हैं।।


*रचयिता।।एस के कपूर "श्री हंस"*

*बरेली।।*

मोब।।            9897071046

                      8218685464



*।।रचना शीर्षक।।*

*।।जीवन का हमारा सफर कदापि*

*निरर्थक ना हो।।*


काँटों में   खिलते   गुलाब    से 

हमें  सीखना     होगा।

चुनौतियों    में   भी   दृढ़   हम

को    दीखना   होगा।।

संकल्प  शक्ति ही    काफी   है

जीवन  संवारने   को।

पाने को    सुख   दुःख    में भी

दर्द को लीलना होगा।।


ओस  की बूंद   सा     होता   है

जीवन    का    सफर।

कभी फूल या धूल में    होता है

जीवन    का    सफर।।

बिखरने के लिए   नहीं    मिला

ये एक  मात्र  अवसर।

संवारने संवरने के लिए होता है

जीवन    का     सफर।।


व्यक्ति की सच्चाईऔर अच्छाई

कभी नहीं व्यर्थ  जाती है।

कर्म की   पूजा  ही   जीवन  में

सच्चा    अर्थ    पाती  है।।

अच्छे के साथ अच्छा और  बुरे

के बुरा  होकर   है  रहता।

यदि आ जाये दुर्भावना तो   यह

जीवन मेंअनर्थ ही लाती है।।


*रचयिता।। एस के कपूर "श्री हंस*"

*बरेली।।।*

मोब।।।।          9897071046

                      8218685464

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

अखिल विश्व काव्यरंगोली परिवार में आप का स्वागत है सीधे जुड़ने हेतु सम्पर्क करें 9919256950, 9450433511