राजेंद्र रायपुरी

😄 गुज़ारिश नये साल से 😄 आओ आओ, जल्दी आओ। नए साल तुम खुशियाॅ॑ लाओ। बैठे हैं सब इंतजार में, और नहीं तुम देर लगाओ। आशा सबकी जब आओगे, खुशियाॅ॑ ढेर साथ लाओगे। विपदा ये जो सता रही है, उसे दूर तुम कर पाओगे। साॅ॑स चैन की लेंगे सारे। रही न विपदा पास हमारे। गूॅ॑जेंगे फिर जग में मानो, नए साल के ही जयकारे। अगवानी को आतुर हम हैं। दिन भी बचे बहुत अब कम हैं। आ जाओ तुम जल्दी भाई। बीसे की हो सके बिदाई। इसने तो है खूब सताया। नहीं किसी को जग में भाया। कैसे भाता तुम ही बोलो, साथ यही था विपदा लाया। ।। राजेंद्र रायपुरी।।

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