नूतन लाल साहू

 भरोसा


भरोसा बहुत बड़ी पूंजी हैं

यूं ही नहीं बांटी जाती,यह

खुद पर रखो तो ताकत और

दूसरों पर रखो तो

कमजोरी बन जाती हैं

सभी दुखो से मुक्ति का

निकला नहीं निचोड़

जिन मसलों का हल नहीं

उन्हें समय पर छोड़

प्रभु जी पर पूरी आस्था

रखता जो इंसान

उस इंसान के लिए है

दुःख सुख एक समान

जिसका मन हो संतुलित और

आपा कभी ना खोता है

वहीं इंसान इस जग में

सबसे अधिक सफल होता है

भरोसा बहुत बड़ी पूंजी होता है

भ्रम में पड़कर, जो खोदा पहाड़

हाथ कुछ नहीं आयेगा

इसको निश्चित जान

शक संशय को पालकर

इंसान नित रो रहा है

लोटे जैसा मत लुढ़क

स्थिर रह इंसान

खुद पर हो,अगर भरोसा तो

तेरा बिगड़ी काम,बन जायेंगे

भरोसा बहुत बड़ी पूंजी हैं

यूं ही नहीं बांटी जाती, यह

खुद पर रखो तो ताकत और

दूसरों पर रखो तो

कमजोरी बन जाती है


नूतन लाल साहू

कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

गीत- दिन से क्या घबराना दिन तो आते जाते हैं....... दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल

गीत- दिन से क्या घबराना दिन तो आते जाते हैं....... चुप्पी  के   दिन खुशियों के दिन भीगे सपनों की बूंदों के दिन, आते जाते हैं, दि...