पुनीता सिंह

शीर्षक -
*मन में बरसे फाग*
इस होली में दफन करो हर दुख देती बात,
नेह रंग में रंग डालें हम अपनें जज़्बात।
💞💞
हम अपने जज़्बात, करें ना अब बरजोरी,
प्रीत के रंग में रंग जाए, आओ सब हमजोली।
💕💞
मिल करके हमजोली, सजायें मन का आंगन,
यही दुआ रब से है मेरी, मन में बरसे फागुन।
💞💞
मन में बरसे फाग, प्यार से भर पिचकारी,
बेरंग भाव हटे जीवन से, महके मन फुलवारी।
💞💞
खुशियों में सेंध लगी, साल भर मची तबाही,
पूरी कसर करें होली में, अंसुअन की करें विदाई।।
*पुनीता सिंह दिल्ली*

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