डॉ बी.के. शर्मा

 विश्व जल दिवस 

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22 मार्च 2021 के उपलक्ष में


जल ही जीवन है

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"जल ही जीवन है" ऐसा कहते हैं लोग |

फिर भी आंख बंद करके रहते हैं लोग ||

आज बहालो तुम फिर तरसोगे जल के लिए |

क्यों नहीं बचाते हो इसे आने वाले कल के लिए ||

"जल से ही कल है" ऐसा कहते हैं लोग |

फिर भी आंख बंद करके क्यों रहते हैं लोग ||

कल को जिंदगी का हंसी पल बना लो |

व्यर्थ में बहते हुए जल को बचा लो ||

"जल ही जीवन का हल है" ऐसा कहते हैं लोग |

फिर भी आंख बंद करके क्यों रहते हैं लोग ||

क्यों ना मेरी बात पर कोई करता अमल है |

इधर भूगर्भ में बड़ी हलचल है ||

"जल से ही सकल है" ऐसा कहते हैं लोग |

फिर भी आंख बंद करके क्यों रहते हैं लोग हैं ||

अगर है शर्म तो आंखों का पानी बदल दो |

मेरी बात को थोड़ा सा अमल दो ||

'जल नहीं तो कल नहीं" ऐसा कहते हैं लोग |

फिर भी आंख बंद करके क्यों रहते हैं लोग ||


 डॉ बी.के. शर्मा

 उच्चैन भरतपुर राजस्थान

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