अशोक छाबरा

प्रस्तुत पंक्तियां फुर्सत में लिखी गई हैं क्योंकि सभी आविष्कार फुर्सत में ही हुए हैं 😄
मैं गुजर रहा था इधर से
सोचा कि बात कर लूं आपसे...
व्यर्थ की बातों के लिए 
समय निकालना ही प्यार है,
इसके सिवा बाकी सब
दुनिया में व्यापार है,
एक बंदे ने पूछा
कि कविता करना कैसा है?
मैंने कहा-
जेब फटी हुई है
और मान रहे पैसा है,
यह ना प्यार है 
और ना व्यापार है
इस बेवकूफी को जो करे
समझ लो समझदार है!
  
🌹❤️😊

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