नूतन लाल साहू

सफलता का सफर

सफलता का सफर
रास्ता है मुश्किल
यहां हर मोड़ पर
दुश्मन खड़ा है
स्वार्थों के अंधेरों ने
घेरा हुआ है
जीतता वही है
जो स्वयं से लड़ा है
जो अंतर्रात्मा की आवाज सुनता है
वहां से जो ज्ञान
निकल कर आता है
वही तो
भविष्य का रास्ता सुझाता है
सही मायने में
सफलता का सफर के लिए
एक दर्पण होता है
दृढ़ संकल्प के साथ
जो चलता है
और निरंतर आगे बढ़ते ही
रहता है
चाहे कितना ही,मारो उसे ठोकर
आत्मविश्वास और संयम ही
वक्त से लड़ने का
उनका हथियार होता है
जीतता वही है
जो स्वयं से लड़ा है
कल को किसने है,देखा
मेहनत से ही बदलेगी
भाग्य का सारा लेखा
सफलता का सफर में
पक्का संकल्प आवश्यक है
दुनिया तो है, इक बाजार
रास्ता खुद ही बनाना होगा
यही तो सफलता का सफर है

नूतन लाल साहू

कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

गीत- दिन से क्या घबराना दिन तो आते जाते हैं....... दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल

गीत- दिन से क्या घबराना दिन तो आते जाते हैं....... चुप्पी  के   दिन खुशियों के दिन भीगे सपनों की बूंदों के दिन, आते जाते हैं, दि...