अब्दुल हमीद इदरीसी

योग दिवस के दोहे

तन मन  सारा  शुद्ध कर, करता  रोज़ निरोग।
सेहत की चाहत अगर, नियमित करिये योग।

योग शुरू यदि कर दिया,अब करना कम भोग।
योग  गुरू  का  हर  समय, लेना  तुम सहयोग।

धर्म कर्म का हर  घड़ी, रख कर चल संयोग।
बीत  चुके  कल का  नहीं, कभी मनाना सोग।

भले  आदमी  का  सदा, करना तुम सहयोग।
इस पर देना  ध्यान मत, क्या कहते  हैं लोग।

हमीद कानपुरी
अब्दुल हमीद इदरीसी
वरिष्ठ प्रबन्धक सेवानिवृत
पंजाब नेशनल बैंक,
मण्डल कार्यालय कानपुर
208001

कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

गीत- दिन से क्या घबराना दिन तो आते जाते हैं....... दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल

गीत- दिन से क्या घबराना दिन तो आते जाते हैं....... चुप्पी  के   दिन खुशियों के दिन भीगे सपनों की बूंदों के दिन, आते जाते हैं, दि...