रामबाबू शर्मा राजस्थानी

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                  कविता
      🌾भारत के भविष्य🌾
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         हम गुलाब के फूल नहीं हैं,
         पर सुगंध फैलाते।
         हम धरती के तारे है जो,
         दिन में चमक लुटाते।।

        हम भारत के भूत नहीं हैं,
        हम भविष्य की राहें।
        इस जगती को दिशा बताती,
        सिर्फ हमारी निगाहें।।
  
        जीत हमारे हाथों में हैं,
        हो सपने फिर कच्चे।
        नही निराशा रखते मन में,
        हम भारत के बच्चें।।
         
         ©®
              रामबाबू शर्मा, राजस्थानी,दौसा(राज.)

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