निशा अतुल्य

बाल कविता
चलो योग करो 

चुन्नू मुन्नू जल्दी आओ
योगशाला मिलकर सजाओ
योग दिवस नहीं कोई एक दिन
नित जीवन में करो कराओ 
अपने जीवन को स्वस्थ बनाओ ।

थोड़ा थोड़ा प्राणायाम
फिर थोड़ा सा सूक्ष्म व्यायाम
अंदर से हो जाओ तगड़े
बाहर से चमकाओ भाल ।

आसन होते बहुत सरल हैं
इनको नित जीवन अपनाओ 
स्वस्थ शरीर और मानसिक दृढ़ता
हर बीमारी को दूर भगाओ ।

पहले थोड़ा जॉगिंग करना
फिर करो तुम सूर्य प्रणाम
साधो श्वासों को फिर तुम
व्यायाम से बलशाली बन जाओ ।

चलो चलो सब मिल कर आओ
योग शाला को आज सजाओ 
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को
सब देशों के संग मिल मनाओ ।

स्वरचित 
निशा"अतुल्य"

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