काव्य रंगोली

"काव्य रंगोली परिवार से देश-विदेश के कलमकार जुड़े हुए हैं जो अपनी स्वयं की लिखी हुई रचनाओं में कविता/कहानी/दोहा/छन्द आदि को व्हाट्स ऐप और अन्य सोशल साइट्स के माध्यम से प्रकाशन हेतु प्रेषित करते हैं। उन कलमकारों के द्वारा भेजी गयी रचनाएं काव्य रंगोली के पोर्टल/वेब पेज पर प्रकाशित की जाती हैं उससे सम्बन्धित किसी भी प्रकार का कोई विवाद होता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी उस कलमकार की होगी। जिससे काव्य रंगोली परिवार/एडमिन का किसी भी प्रकार से कोई लेना-देना नहीं है न कभी होगा।" सादर धन्यवाद।

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प्रिया सिंह चारण के उदयपुर

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शीर्षक:- "जश्ने आज़ादी एक कुर्बानी"   आओ मिलकर मनाए 15 अगस्त , कहते है, गर्व से जिसे स्वतंत्रता दिवस ।   तिरंगे को नील गगन में लहरा...

निशा अतुल्य

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दीप जले 20.10.2020     दो नैनो में दीप जले हैं, मन के भाव कहाँ चले हैं।   ढूंढ रहे हैं सभी सितारे, मन को ये बात खले हैं।   आ जाओ तुम पास हमा...

विनय साग़र जायसवाल

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ग़ज़ल   तरक्की में वतन की नाम अपना जोड़ना होगा  नयी नस्लों की खातिर हमको भी कुछ सोचना होगा    जहां की रहगुज़र में हम कहीं पीछे न रह जायें  पुरान...

एस के कपूर "श्री हंस"

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*रचना शीर्षक।।* *परदा गिरने के बाद भी याद रहे* *किरदार सारे संसार को।।*   क्रोध और आँधी होते हैं दोनों एक सामान। दोनों ही जैसे चलते हैं मानो...

एस के कपूर "श्री हंस"

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*विषय।। शुभ नवरात्रि महिमा।।* *शीर्षक।।* *हे माँ दुर्गा पापनाशनी, तेरा वंदन* *बारम्बार है।।*   सुबह शाम की आरती और माता का जयकारा। सप्ताह का...

डॉ. रामबली मिश्र हरिहरपुरी

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*मेरे दिल का टुकड़ा*   मेरे दिल के टुकड़े को ठुकरा न देना, गले से लगा कर इसे चूम लेना । पाला इसे है बड़े प्रेम से मैं, सिखाया इसे है हुनर ध्यान...

नूतन लाल साहू

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किसी से,बैर मत कीजिये   क्यों आया है,इस संसार में कौन बतायेगा,इस सच को इस रहस्य को,आज तक नहीं समझ पाया,कोई भी रोजी रोटी और सम्मान सबको प्रभु...

कालिका प्रसाद सेमवाल

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*जय जय माँ कूष्माण्डा* ★◆★◆★◆★◆★◆ जय जय माँ कूष्माण्डा अष्ट भुजा धारी तुम हो, चक्र, बाण और धनु धारी हो सब पर तुम कृपा बरसाती हो।   रक्त बीजो...

डॉ. हरि नाथ मिश्र

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*ग्यारहवाँ अध्याय*(श्रीकृष्णचरितबखान)-4 बाबा नंद सकल ब्रजबासी। होइ इकत्रित सबहिं उलासी।। आपसु मा मिलि करैं बिचारा। भवा रहा जे अत्याचारा।।   ...

डॉ. हरि नाथ मिश्र

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*चतुर्थ चरण*(श्रीरामचरितबखान)-13 सुनतै श्रुतन्ह लखन क्रोधातुर। भवा तुरत सुग्रीव भयातुर।।      कहा पवन-सुत तुम्ह लइ तारा।      समुझावउ लखनहिं...

डॉ0 निर्मला शर्मा दौसा राजस्थान

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"नवरात्रि" नवरात्रि का त्योहार, लाया खुशियाँ अपार। मन झूमे बार-बार, करे वन्दना श्रृंगार। नौ देवियों का आगमन, धरा करे सुस्वागतम।   ...

डॉ. रामबली मिश्र हरिहरपुरी

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*माँ श्री से कर सदा याचना*   सर्व मंगला मंगलकारी। शिवा स्वरूपिणि विद्याधारी।।   ज्ञान गगन गरिमा गिरि गिरिधर। नारायणि नित नाथ नामवर।।   विश्व...

डॉ. हरि नाथ मिश्र

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*प्रकृति-प्रेम* न फूलों का चमन उजड़े,शज़र उजड़े,न वन उजड़े। न उजड़े आशियाँ पशु-पंछियों का- हमें महफ़ूज़ रखना है ,जो बहता जल है नदियों का।।         ...

डॉ. रामबली मिश्र

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नारी!तू ही मातृ स्वरूपा   नारी!तू ही मातृ स्वरूपा। अखिल लोकमय दिव्य अनूपा।।   तुम्हीं जगत की करत सर्जना। भाग्यदायिनी लक्ष्मी रूपा।।   पालनकर...

डॉ. रामबली मिश्र हरिहरपुरी

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*स्वागतम*   आप का आगमन आप का आगमन। आप का स्वागतम आप का स्वागतम।।   आप का है हॄदय से सदा स्वगतम। आप के आगमन का सदा स्वगतम।।   ये हवाएँ फिजाये...

कालिका प्रसाद सेमवाल

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*मुझको बुला रही हो* ******************* आज सपन एक  मैंने देखा, तुम आ रही हो नूपुर बजा रही हो अंचल सजा रही हो कोई गीत गा रही हो मुझको बुला रह...

सुनीता असीम

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अंधेरा भी मुझे अब तो नया रस्ता दिखाता है। महर मुझपर खुदा की है सभी बढ़िया दिखाता है। ******* अगर है आदमी सच्चा रखे ईमान की। दौलत। उसे भगवान ...

डॉ. रामबली मिश्र हरिहरपुरी

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आदि शक्ति को भजो निरन्तर   हे आदि शक्ति !हे जग जननी। स्त्री वाचक, हे प्रिय शव्द धनी।।   तुम महा समंदर ज्ञान अगाधा। सर्व पंथगामिनि मनचाहा।।  ...

डॉ. रामबली मिश्र हरिहरपुरी

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डॉ. रामबली मिश्र हरिहरपुरी

डॉ. हरि नाथ मिश्र

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*वाणी*(दोहे) वाणी से व्यक्तित्व की,होती है पहचान। मीठी वाणी अमिय सम,कड़वी सर-संधान।।   गरल-कलश हिय में धरे,दुर्जन बोले बोल। मधु वाणी के शस्त्...

सुषमा दीक्षित शुक्ला

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जयति जय माँ कात्यायनि, जयति जय जय दुर्गमा ।   हे! मातु हम तो शिशु तुम्हारे , अब मेरा कल्याण कर माँ ।   दुनिया के जननी तू मैया, तुझ पर अर्पण ...

डॉ. निर्मला शर्मा

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" मंगलसूत्र के बिखरे मोती" विकल हिरनी सी विस्फारित सी अखियाँ उसकी शून्य मैं ताकती वह सौभाग्यशालिनी अश्रुओं की कपोलों पर बहती धारा ...

नन्द लाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर

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[10/19, 9:16 AM] Nandlal Mani Tripathi: 1-मै ऐसा हूँ ना वैसा हूँ  मैं धन दौलत बैभव किस्मत मैं पैसा हूँ।। ना मैं खुशबू ना मैं खूबसूरत फिर भी ...

विनय सागर जायसवाल

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ग़ज़ल   रह-ए- हयात को जो ख़ुशगवार करना था तुम्हारे झूठ पे यूँ ऐतबार करना था    पयामे-हुस्न कई हमने यूँ भी ठुकराये  तमाम उम्र तेरा इंतज़ार करना थ...

कालिका प्रसाद सेमवाल

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हे मां जगदम्बा दया करो ******************** हे मां जगदम्बा दया करो, हमें सत्य की राह बताओ, कभी किसी को सताये नहीं, ऐसी सुमति हमें देना मां। ...
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