भावनाओं का खेल है भाव से ही संसार है

भावनाओं का खेल है
भाव से ही संसार है
भावनाएं यदि शुद्ध हों 
तो भव से बेड़ापार है


भावनाएं हमारी नाथ
आपको समर्पित हैं
भक्त वत्सल भगवान
जीवन भी अर्पित है


भक्तों के भाव समझो
भवसागर उद्धारक
भावनाएं आहत न हों
जगकर्ता जग कारक


भोर की किरण हो तुम
मेरी भंवर में है नैया
भक्तों का त्रास हरो तुम
भक्त नाव के खिवैया।


भक्तवत्सल श्री श्याम के चरणों में नमन🙏🙏🙏🙏🙏💐💐💐💐💐


सत्यप्रकाश पाण्डेय


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