कालिका प्रसाद सेमवाल        मानस सदन अपर बाजार        रूद्रप्रयाग(उत्तराखंड)

मधुर स्मृति
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      आज मैं तुम्हें न पा सका,
      इसलिए न गीत गा सका।
बहार फूल तो खिले मगर,
मिले उसे भ्रमर न हो‌ अगर,
तो आश क्या कि फूल की उमर,
हंसे नियति हिलोर में लहर।


        जोहता रहा तुम्हे सदा,
         उठी कसक न मैं भगा सका।


लगी आज टकटकी  उधर,
चली गई थी रूठकर जिधर
हुआ हताश आज मैं मगर,
रहे न याद प्यार के प्रहर,


      ‌ रही सदा सुदूर प्राण, तुम
       इसीलिए तुम्हें न पा सका।


पी रही हैं जिन्दगी जहर,
घिर रही है वेदना घहर,
कट रही है व्यर्थ ही उमर,
निराश दीप जल रहा लहर,


       कुविघ्न पर कुविघ्न झेलता,
       पुकारता तुम्हें न पा सका।।
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      कालिका प्रसाद सेमवाल
       मानस सदन अपर बाजार
       रूद्रप्रयाग(उत्तराखंड)
        पिन 246171


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