अखण्ड प्रकाश कानपुर

आखर आखर जोड़ कर 
शब्द हुए साकार|
अनुपम रचना लिख रहे,
हिन्दी रचनाकार||
हिन्दी रचनाकार,
भरें भावों का चन्दन|
पढ़ते सुनते झूम उठे,
लोगो के तन मन||
कह अखण्ड है छन्द बन्द,
कविता का सागर|
बूँद बूँद कल्लोल कर रहे,
आखर आखर||


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