आलोक मित्तल रायपुर

मुक्तक
*******


आज हम सबको डराता कौन है।
अपनी ताकत यूँ दिखाता कौन है।
क्या मरी इंसानियत उनकी अभी।
देश मेरा ये जलाता कौन है।।


 


कभी दर्द अपना बताती नही है।
नदी तो किसी को डराती नहीं है।
भले आड़ी टेडी वो बहती जमीं पर
कभी भी किसी को सताती नहीं है।


** आलोक मित्तल **


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

अखिल विश्व काव्यरंगोली परिवार में आप का स्वागत है सीधे जुड़ने हेतु सम्पर्क करें 9919256950, 9450433511